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’’ माननीय प्रधानमंत्री जी का अभियान एक पेड मॉं के नाम अभियान को ढेंगा दिखाता भोपाल शहर ’’ आक्सीजन देने वाले प्रजाति के 25 से 30 पेडों की कटाई ।

भोपाल दिनांक 21/09/2024  (दयाराम कुशवाहा भोपाल)  भोपाल पुल बोगदा रायसेन रोड से प्रभात चौराहे के बीच लगे नीम बड पीपल एवं अन्य प्रजाति के आक्सीजन देने वाले सेकडों वर्षो पुराने लगभग 25 से 30 पेडों की कटाई शहर के विकास के नाम पर की जा रही है। लोगों का कहना है कि यहां से पुल का निर्माण किया जायेगा। इसलिए इन पेडों को काटा जा रहा है यह सब देखकर इनका दर्द जाना यहां के नवयुवकों पर्यावरण प्रेमियों के द्वारा नगरीय क्षेत्र की जनता के द्वारा कुछ पर्यावरण प्रेमियों ने रातो-रात वृक्षों को न कटने देने को लेकर चलाई मुहिम और लगा दिये सभी वृक्षों को बचाने के लिये स्लोगन और शासन प्रशासन से न कटने की अपील की और इन स्लोगनों के माध्यम से दिया देश को पर्यावरण को बचाने का संदेश। ये पेड जो सेकडों वर्षो पुराने है करोडों रूपये की आक्सीजन लोगों को अपने जीवन काल में दे चुके है और दे रहे है उन्हें शहर के विकास के नाम पर बली दी जा रही है जिन्होंने कोरेना काल में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जान बचाने के लिए जब लोग आक्सीजन के लिये त्राहि-त्राहि कर रहे थे तब इन निरीह बेजान जो बोल नही पाते लेकिन देते बहुत कुछ है ने फ्री आफ चार्ज आक्सीजन देकर जान बचाई  और कभी एहसान तक नहीं बताया उन्हें शहर विकास के नाम पर काटा जा रहा है। सोचो ? 

पर्यावरण संरक्षण आज विश्व के लिए चिंता का विषय है। कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड ने ओजोन स्तर को कम कर दिया है, जिससे धरती पर गर्मी बढ़ने लगी है और जलवायु परिवर्तन का अनुभव हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा चलाया जा रहा एक पेड़ माँ के नाम अभियान जलवायु परिवर्तन का सही जवाब है। मध्य प्रदेश भारत का फेफड़ा है जो पूरे देश को ऑक्सीजन देता है। लेकिन भोपाल शहर हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी का सपना एक विषेष अभियान ऐक पेड मां के नाम को साकार नहीं होने दे रहे और उनके अभियान को भी ढेंगा बता रहे है। 

अन्य शहर पर्यावरण को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड लगाकर वर्ल्ड रिकार्ड बना रहे है। लेकिन कुछ जबावदार लोग इन पेडों को शहर के विकास के नाम पर काटे जा रहे है। शहर विकास के नाम पर सोचो क्या यह विकल्प सही है ? 

हमारे सनातनी पवित्र धर्मग्रन्थ शास्त्रों और पुराणों में पेड़ों के महत्व के बारे में बताया गया है। मत्स्यपुराण में कहा गया है कि एक बावड़ी दस कुओं के बराबर होती है, एक तालाब दस बावड़ियों के बराबर होता है, एक पुत्र दस तालाबों के बराबर होता है और एक वृक्ष दस पुत्रों के बराबर होता है।

 





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