भोपाल।दिनांक (दयाराम कुशवाहा भोपाल) भोपाल त्रिलंगा सोसायटी के जिम्मेदारों की निष्क्रिय कार्य शैली के चलते सोसायटी में गंदगी के लगे डेर, शिकायत करने पर लोगों को ही उल्टा नसीहत दे देते हैं 15-20 दिन कचरे के ढेर लगे रहते है। कचरा उठाने का बोलो तो कहते है। अपने घर में कचरा रख लो। सोसायटी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गाडी वाले जमीन का कचरा नहीं उठाते, नालियां साफ नहीं होती, सोसायटी में कभी दवाई का छिडकाव नहीं होता कितनी दवाई क्रय की जाती है। सब गोल माल गंदगी के नाम पर सोसायटी वासियों को डेंगू की सौगात। सोसायटी में लोग डेंगू जैसी बीमारी से पीडित है। फिर भी सोसायटी के जिम्मेदार के सिर जंू नहीं रेंग रही है। लगता है। कोई बडी दुर्घटना का इंतजार कर रहे है। षहर में भयंकर डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी फैल रही है और सोसायटी में अव्यवस्था चरम सीमा पर फैली है क्या प्रशासन पूरे मामले को गंभीरता से लेगा क्या वाकई में भोपाल डेंगू जैसी बीमारी से मुक्त होगा...? या फिर मौत का सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा ? भाजपा सरकार, भाजपा नगर निगम प्रशासन होते हुए शहर में गंदगी की दुर्दशा आखिर क्यों आखिर लाखों जनता की भरोसे पर कहीं नगर निगम एनजीओ और कर्मचारियों की अनदेखी भारी ना पड़ जाय ,गंदगी और डेंगू जिले में एक और पैर प्रसार रहा है जिसके चलते जिला प्रशासन को सफाई, स्वास्थ्य व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना की सख्त जरूरत है देखना है कि जिला प्रशासन इस और कितना ध्यान देता है ?