Type Here to Get Search Results !

*🌈💫आगामी विधानसभा निर्वाचन के संबंध में पैड न्यूज पर मीडिया प्रतिनिधियों की कार्यशाला संपन्न*....*🌈💫पैड न्यूज की बारीकियों के बारे में मीडिया प्रतिनिधियों को दी गई जानकारी*


नर्मदापुरम/ आगामी विधानसभा निर्वाचन के संबंध में शुक्रवार को कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नीरज कुमार सिंह के निर्देशानुसार मीडिया प्रतिनिधियों की पेड न्यूज पर कार्य शाला का आयोजन किया गया। अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी देवेंद्र कुमार सिंह, संयुक्त कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी एमसीएमसी फरहीन खान की उपस्थिति में मीडिया कार्यालय का शुभारंभ किया गया। जिसमें नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर पंकज दुबे द्वारा पेड न्यूज संबंधी बारीकियों के बारे में विस्तार से मीडिया प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर श्री दुबे ने बताया कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार पेड न्यूज प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी भी मीडिया में नकद या किसी अन्य कीमत पर प्रतिफल के रूप में प्रदर्शित होने वाली कोई भी खबर या विश्लेषण पेड न्यूज है। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद द्वारा दी गई पेड न्यूज की परिभाषा को  भारत निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया और माना कि 'पेड न्यूज' चुनाव में समान अवसर को बिगड़ती है। प्रतिकूल प्रभाव डालती है, चुनाव व्यय कानूनों को उल्लंघन करती है। मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव डालती है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा उत्पन्न करती है ।पेड न्यूज जनता को गुमराह करती है। लोगों की सही राय बनाने की क्षमता को बाधित करती है। इससे मतदाताओं पर अनुचित प्रभाव पड़ता है और इसे उनके सूचना के अधिकार के उल्लंघन के रूप में भी देखा जाता है। पेड न्यूज सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों के लिए समान अवसर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है। आयोग को चुनावी प्रक्रिया के दौरान जमीनी स्तर पर पेड न्यूज की समस्या का अनुभव हुआ है।राजनीतिक दलों और मीडिया समूहों ने भी संपर्क कर आयोग से पेड न्यूज के खिलाफ कड़े कदम उठाने का अनुरोध किया। अपनी सतर्कता को मजबूत करने के लिए आयोग ने पेड न्यूज और अन्य उल्लंघनों के लिए मीडिया की निगरानी के लिए जिला स्तर और राज्य स्तर पर एक मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति (MCMC) की स्थापना की है।श्री दुबे ने पैड पहचान के संबंध में बताया कि विशिष्ट समाचार पत्रों के एक ही पृष्ठ पर प्रतिस्पर्धी उम्मीदवारों की प्रशंसा करते हुए लेख यह दावा करते हैं कि दोनों के समान चुनाव जीतने की संभावना है। 4 समाचार में कहा गया है कि एक उम्मीदवार को समाज के प्रत्येक वर्ग का समर्थन मिल रहा है और वह निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतेगा। किसी उम्मीदवार से जुड़ी छोटी-छोटी घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर बार- बार कवरेज दिए जाने और / या विरोधियों की खबरों को बिल्कुल भी कवर नहीं किया जाता है। ऐसे समाचार जिनमें बिना नाम लिए अभ्यर्थी का समर्थन किया गया हो।इसी प्रकार समाचार पत्र ने एक बैनर शीर्षक प्रकाशित किया है जिसमें कहा गया है कि एक पार्टी / उम्मीदवार राज्य / निर्वाचन क्षेत्र में इतिहास रचने के लिए तैयार है, लेकिन इस शीर्षक से संबंधित कोई समाचार नहीं प्रकाशित किया जा रहा है। समाचार में कहा गया है कि एक पार्टी/ उम्मीदवार द्वारा किए गए अच्छे काम ने राज्य में दूसरे दल / उम्मीदवार की चुनावी संभावनाओं को हाशिये पर धकेल दिया है और समाचार का प्रत्येक वाक्य पार्टी/उम्मीदवार के पक्ष में है। एक ही समाचार पत्र के एक ही पृष्ठ के भीतर कई फोंट टाइप्स और कई ड्रॉप केस स्टाइल दिखाई देती है क्योंकि लेआउट, फ़ॉन्ट, प्रिंटआउट, तस्वीरें-  उन उम्मीदवारों द्वारा प्रदान किए गए थे जिन्होंने पृष्ठों में स्लॉट के लिए भुगतान किया था। आदि को पैड न्यूज की श्रेणी में रखा गया हैं।नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर  पंकज दुबे ने बताया कि  निर्वाचन के संबंध में प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ने मीडिया प्रतिनिधि के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसके अनुसार चुनाव एवं अभ्यर्थियों के बारे में वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट मीडिया प्रतिनिधियों को प्रचार में शामिल न होना, अतिरंजित रिपोर्टिंग न करना, धर्म, जाति, सम्प्रदाय के आधार पर विभेद पैदा करने वाली रिपोर्टर्स से बचना,
किसी अभ्यर्थी के व्यक्तिगत जीवन, चरित्र के बारे मिथ्या बयानों को न छापना। असत्यापित आरोपों को न छापना वित्तीय या अन्य प्रलोभनों को स्वीकार न करना,किसी दल / अभ्यर्थी का आतिथ्य या अन्य सुविधाओं को न स्वीकारना,किसी दल/अभ्यर्थी की उपलब्धियों के प्रचार हेतु सार्वजानिक धन से कीमत चुकाए जाने वाले विज्ञापनों को न छापना तथा भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी तथा जिला निर्वाचन अधिकारी के क सभी निर्देशों का पालन करना हैं। इसी प्रकार इलेक्शन रिपोर्टिंग में संतुलित और निष्पक्ष आचरण के लिए वस्तुनिष्ठ तरीके से दलों, अभ्यर्थियों, प्रचार, मतदान प्रक्रिया आदि के बारे में आम जनता तक सूचनाएं पहुंचाना। अफवाहों तथ्यहीन अनुमानों के प्रसारण से बचने का प्रयास करें विशेषतः तब जब ये किसी दल या अभ्यर्थी से सम्बंधित है। सभी वित्तीय और राजनैतिक दवाब से दूर रहना। गलत सूचना प्रसारित हो जाने पर संज्ञान में आने पर तत्काल प्रमुखता से सुधर कर सही सूचना का प्रसारण करना। हेट स्पीच और आपतिजनक कंटेट के प्रसारण से बचना। ओपिनियन पोल की वास्तविक और निष्पक्ष रिपोर्ट का प्रसारण करना और सोर्स जाहिर करना । किसी दल / अभ्यर्थी का आतिथ्य या अन्य सुविधाओं को न स्वीकारना आदि बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी हैं।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.