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जयमातादी समिति की दुर्गा पंडाल हेतु भूमि पूजन |
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समिति के सभी सदस्यगण |
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होती है। इस पर्व का प्रमुख आकर्षण दुर्गा पूजा है, जो नवरात्रि की षष्ठी तिथि से आरंभ होती है। इस बार षष्ठी की तिथि 28 सितंबर को पड़ेगी। इसी दिन से दुर्गा पूजा की शुरुआत होगी, जो पांच दिनों तक चलेगी। इस दौरान महाषष्ठी, महासप्तमी, महाअष्टमी, महानवमी और विजयदशमी का पर्व मनाया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि 2025 कैलेंडर के अनुसार
22 सितंबर 2025 – प्रतिपदा (शैलपुत्री पूजा)
23 सितंबर 2025 – द्वितीया (ब्रह्मचारिणी पूजा)
24 सितंबर 2025 – तृतीया (चन्द्रघण्टा पूजा)
26 सितंबर 2025 – चतुर्थी (कूष्माण्डा पूजा)
27 सितंबर 2025 – पञ्चमी (स्कन्दमाता पूजा)
28 सितंबर 2025 – महाषष्ठी (कात्यायनी पूजा)
29 सितंबर 2025 – महासप्तमी (कालरात्रि पूजा)
30 सितंबर 2025 – महाअष्टमी (महागौरी पूजा)
1 अक्टूबर 2025 – महानवमी (सिद्धिदात्री पूजा)
2 अक्टूबर 2025 – विजयादशमी
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का आरंभ घटस्थापना के साथ होता है, जिसे बहुत ही शुभ माना जाता है। 2025 में घटस्थापना सोमवार, सितम्बर 22, 2025 को की जाएगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष नवरात्रि के समय देवी दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर अपने भक्तों के घर पधारेंगी। हाथी की सवारी को अत्यंत शुभ और मंगलकारी मानी जाती है। इसे समृद्धि, उन्नति और शांति का प्रतीक माना गया है।
पूजन कार्यक्रम में समिति पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं ने शामिल होकर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त किया। भूमि पूजन उपरांत समिति द्वारा नवरात्रि महोत्सव को भक्तिमय और गरिमामयी बनाने हेतु विभिन्न तैयारियाँ प्रारंभ की गई हैं।
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