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*🌈💫शीतलहर से बचाव के लिए शासन ने की एडवाइजरी जारी*

बैतूल। जिला प्रशासन गृह विभाग द्वारा शीतकालीन सत्र के चलते शीत प्रकोप से बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किए है। विभिन्न विभागों द्वारा आमजन के हितार्थ चलाई जा रही योजनाओं पर केंद्रित इस एडवाइजरी में हितग्राहियों को दी जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्थाओं को शीतकालीन अवधि को देखते हुए सुनिश्चित रखने के निर्देश जारी किये है।राज्य शासन ने कहा कि नगरीय प्रशासन निकाय के अधीन संचालित रैन बसेरे में बिजली, भोजन, पानी जलापूर्ति एवं चिकित्सा सेवाओं का संचालन निर्बाध रूप से किया जाए। बेघर प्रभावितों को आश्रय स्थलों में स्थापित करें। शीतलहर से प्रभावित चिन्हित स्थलों पर प्राथमिक उपचार हेतु फस्र्ट एड बॉक्स की सुविधा उपलब्ध कराएं। स्वयं सेवी संस्थाओं से समन्वय कर इन स्थानों पर वॉलेंटियर्स की तैनाती भी की जाए। शीतलहर से बचाव के लिए बेनर्स के माध्यम से अवगत कराया जाएं। बेसहारा, बेघर लोगों को अलाव एवं कंबल की व्यवस्था स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से सुनिश्चित करें।बच्चों को शीतलहर से बचाव के लिए स्कूल विभाग स्वयं स्कूल के समय में परिवर्तन करें। शिक्षण सत्र में कमरों में हीटर आदि की व्यवस्था करें। कक्षा में प्राथमिक उपचार हेतु फस्र्ट एड बॉक्स, विद्यालय में चिकित्सा हेतु इमरजेंसी नंबर्स, शीतलहर से प्रभावित छात्रों को यथा शीघ्र अस्पताल पहुंचाने के लिए शिक्षक अन्यत्र व्यक्ति को पहले से ही नाम नामांकित किया जाना चाहिए।शासकीय चिकित्सालय जिला प्रशासन द्वारा सभी शासकीय अस्पतालों में शीत लहर के प्रभावितों के लिए कार्य योजना तैयार करें, शीतलहर के प्रकोप की प्रारंभिक चेतावनी से सबको अवगत कराया जाए। अस्पताल में वांछित दवाइयां एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेषकर शीत लहर से प्रभावितों के उपचार के उपयोग में आने वाली दवाई शामिल हो। पीडि़त व्यक्तियों के लिए जिला अस्पताल एवं सिविल चिकित्सालय में अलग-2 वार्ड की व्यवस्था रहे कमजोर समूह बच्चों एवं दिव्यांगों महिलाओं वृद्धो की विशेष देखभाल सुनिश्चित करें।जिला प्रशासन पंचायत भवनों में औद्योगिक एवं अन्य कार्यस्थल क्षेत्र में श्रमिकों के लिए अलावा, प्राथमिक उपचार एवं उद्योगों, अन्य क्षेत्रों में श्रमिकों के कार्य समय में सुविधा जनक परिवर्तन कराया जाए। ऐसे स्थानों को चिन्हित करें जहां भिक्षुक अथवा शारीरिक रूप से कमजोर एवं निशक्तजन अधिक संख्या में रहते हो उन जगहों पर आश्रय स्थल, रैन बसेरे की व्यवस्था कराये। पर्यटन स्थल पर शीत लहर की चेतावनी जारी करें।ठंडी हवाओं के सीधे संपर्क से बच्चे, पशुओं के आवास को कवर करें। छोटे पशुओं को ढक कर रखें, उनके खान-पान में वृद्धि करें।पालतू जानवरों को भवन के अंदर रखे।सर्दियों में जानवर के बैठने हेतु सूखा भूसा रखें।

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