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कैबिनेट बैठक: शासकीय कर्मचारी-पेंशनरों का महंगाई भत्ता 4% बढ़ाया, ऋण लेने वाले किसानों को मिली यह छूट

                                          मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक।


भोपाल नर्मदापुरम।दिनांक 19/ 7/ 2024 (दयाराम कुशवाहा भोपाल)  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने किसानों को सहकारी साख संस्था से मिलने वाले लोन को भरने के समय को एक महीने बढ़ा दिया है। राज्य सहकारी साख संस्थाओं से किसानों को एक साल के लिए जीरो प्रतिशत पर लोन दिया जाता है। इसके ओवर डयू होने पर किसानों के लोन लेने की दक्षता समाप्त हो जाती थी। इसलिए सरकार ने लोन की राशि भरने में एक महीने का इजाफा किया है। इससे सरकार पर 10 करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा। आइए, जानते हैं कैबिनेट बैठक में और क्या-क्या निर्णय हुए...।


राजस्व महाअभियान 2:0 का शुभारंभ
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजस्व महाअभियान 2:0 का शुभारंभ किया गया। इसमें किसानों के नामांतरण और बंटवारे के पेडिंग मामलों का निपटारा किया जाएगा। अभियान 31 अगस्त तक चलेगा। इससे पहले मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को अमरवाडा चुनाव की जीत पर बधाई दी।

शासकीय सेवाओं और पेंशनरों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी 
सरकार ने शासकीय सेवकों और पेंशनरों को सातवें वेतनमान में देय मंहगाई भत्ता दर में एक जुलाई 2024 से चार प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। इससे महंगाई भत्ता 46 प्रतिशत हो जाएगा। राज्य शासन के छठवें वेतनमान में कार्यरत शासकीय सेवकों, शासन के उपक्रमों, निगमों, मंडलों और अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत चौथे व पांचवें वेतनमान में अनुपातिक आधार पर मंहगाई भत्ते में इजाफा करने को स्वीकति दी है। वहीं, राज्य के पेंशनरों को देय मंहगाई राहत में वद्वि के लिए छत्तीसगढ़ शासन से सहमति प्राप्त कर आदेश जारी करने के लिए वित्त विभाग को अधिकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन से अनुमति मिलने के बाद सरकार पर वित्तीय वर्ष में 222 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। 
रामसर साइट के प्रबंधन के लिए 61 करोड़ 
मध्य प्रदेश की चार वेटलैंड साइट में से इंदौर की सिरपुर रामसर साइट के संरक्षण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की परियोजना पर खर्च 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के वहन करने के प्रस्ताव को सहमति दी गई है। सिरपुर रासर साइट पर बड़ी संख्या में विदेशी पक्षी आते हैं। इस साइट को संरक्षित करने, आसपास से अतिकमण हटाने समेत संरक्षित करने, पर्यावरण और पर्यटन की दष्टि से विकसित करने के लिए 61 करोड रुपए की परियोजना का प्रस्ताव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने दिया है। इस राशि का चालीस प्रतिशत अंश राज्य सरकार वहन करेगी।  

एक साल में भरे जाएंगे 10 हजार बैकलॉग पद
राज्य सरकार ने प्रदेश में खाली अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग पदों को भरने एक साल के समय में बढ़ोतरी की है। प्रदेश में 17 हजार बैकलॉग पदों में से अभी सात हजार पदों को ही भरा गया है। इसमें से 10 हजार पद खाली है। जिनके भरने के लिए एक साल की समय सीमा बढ़ाई गई है। 
आठ करोड़ से सार्वजिक वितरण प्रणाली होगी आधुनिक 
राज्य सरकार ने राशन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधुनिक किया जाएगा। इससे राशन कार्ड की डूप्लीकेसी को रोका जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की स्मार्ट पीडीएस योजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए तीन साल में 8 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आ रही कठिनाइयों जैसे सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन की समस्या, राज्यों के सॉफ्टवेयर  में एकीकरण नहीं होने से डटाबेस में भिन्नता जैसे काम किए जाएंगे।
क्लाउड सेवाएं के लिए आईटी कंपनियों होगी अधिकृत 
रााज्य सरकार के अलग-अलग विभागों की विभिन्न योजनाओं के डाटा को सुरक्षित और एक जगह रखने के लिए निजी कंपनियों का सहयोग रहेगा। इसके लिए सरकार क्लाउड बनाने के लिए आईटी कंपनियों से अनुबंध करेगी। इसमें संवेदनशील डाटा संरक्षित और सुरक्षित रखा जाएगा। इसके लिए सरकार उच्च स्तर के अधिकारियों की एक टीम बनाएगी। विभागों को क्लाउड की सेवाएं एमपीएसईडीसी के माध्यम से केंद्रीयकृत रूप से उपलब्ध कराई जाएगी। इससे कुल व्यय में बचत होने के साथ ही क्लाउड सेवाओं का बेहतर प्रबंधन भी हो सकेगा। 
निजी सुरक्षा अभिकरण नियम अधिसूचित 
बैंकों के क्योस्क में पैसों का परिवहन करने वाले वाहनों की सुरक्षा के नियमों की अधिसूचना जारी करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकति दी है। बैकों की गाड़ियों में नगद पैसों का बहुत ट्रांजेक्शन होता है। इनकी सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने एक्ट बनाया है, जिसके नियम राज्यों को बनाने थे। इन वाहनों की सुरक्षा निजी सुरक्षा एजेंसी करती है। इसको लेकर राज्य सरकार ने नियम बनाए हैं। जिसके तहत इन गाड़ियों में जीपीएस होना जरूरी है। लोगों के बैठने की क्षमता भी तय की गई है और गाड़ियों में परिवहन करने के लिए पांच करोड़ रुपए की लिमिट तय की गई है। यह सब प्रयास लूटपाट की घटनाओं को रोकने के लिए हैं। इसके लिए मध्य प्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण नियम 2024 को अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है।

 

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