Type Here to Get Search Results !

*💫🌈जिले के पावन सेठानी घाट पर श्रीरामचरित लीला समारोह प्रारंभ, राम लीलाओं का हुआ मंचन*

नर्मदापुरम। 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पूर्व श्रीरामकथा के विशिष्ट चरितों आधारित ‘श्रीलीला समारोह’ का आयोजन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के पावन सेठानी घाट पर तीन दिवसीय श्रीरामचरित लीला समारोह का शुक्रवार 19 जनवरी को शुभारंभ हुआ। जिसे देखने बढ़ी संख्या में लोग उपस्थित रहें। कार्यक्रम से पूर्व सुप्रसिद्ध कलाकार वैशाली रायकवार द्वारा अपने सुमधुर राम भजनों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।पहले दिन भोपाल के चंद्रमाधव बारीक के निर्देशन में श्रीहनुमान लीला में भगवान हनुमान के जीवन के उपाख्यानों को 15 दृश्यों में प्रस्तुत किया गया। जिसमें  श्रीहनुमान लीला को भक्ति की लीला के रूप में देखना चाहिये। भारतीय पौराणिक आख्यानों में सबसे बड़े भक्त के रूप में श्रीहनुमान जी का वर्णन अलग-अलग संदर्भों में आता है। अपने बाल्यकाल से ही श्री हनुमान एक लीला की संरचना करते हैं, जिसमें वे सूर्य को निगलते हैं और देवता चिंतित हो जाते हैं। तब सभी देवता उपस्थित होकर श्रीहनुमान से प्रार्थना करते हैं और अपनी-अपनी शक्तियां श्रीहनुमान जी को आशीष स्वरूप प्रदान करते हैं। श्रीहनुमान जी का चरित अलग-अलग देव शक्तियों को एक ही चरित में प्रतिस्थापित करने की लीला का आख्यान है। कहा जाता है कि श्रीहनुमान भगवान शिव के अवतार हैं और देवी पार्वती उनकी पूंछ हैं। जब भी श्रीहनुमान जी से किसी भी तरह का दुर्व्यवहार आख्यान में आता है, जहां-जहां उनकी परीक्षा लेने और दंडित करने का किसी चरित के द्वारा प्रयत्न किया जाता है। तब देवी ही क्रोधित होकर अपने नाथ की रक्षा के लिये आगे आती हैं। पूंछ देवी और शक्ति का प्रतीक है। इन अर्थों में यह आख्यान भक्ति की अवधारणा को कितनी सहजता से प्रकट करता है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.