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दोषपूर्ण शिक्षा पर उठे सवाल – गणितज्ञ को 10 हज़ार का इनाम देने की घोषणा

 

नर्मदापुरम 19/09/2025 (दयाराम कुशवाहा) नर्मदापुरम पिपरिया  कक्षा 6वीं और 7वीं की गणित की पुस्तकों में पढ़ाए जा रहे पूर्णांक (Integers) को लेकर नर्मदापुरम ज़िले के पिपरिया निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक रामस्वरूप खेमरिया ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि किताबों में पढ़ाया जा रहा यह गणित का हिस्सा दोषपूर्ण और भ्रामक है।

खेमरिया जी ने दावा किया है कि यदि कोई विद्वान या गणितज्ञ उनके द्वारा प्रस्तुत प्रश्न का हल कर दे, तो उन्हें अपनी ओर से 10 हज़ार रुपये का इनाम दिया जाएगा। उनका कहना है कि किताबों में यह बताया जाता है कि प्रत्येक धनात्मक संख्या (Positive Number) हर ऋणात्मक संख्या (Negative Number) से बड़ी होती है। उदाहरण स्वरूप — +5, –5 से बड़ा है।

लेकिन खेमरिया जी का तर्क है कि यदि +5 को बड़ा और –5 को छोटा बताया जाता है तो फिर यह रेखा खींचकर स्पष्ट किया जाए कि –5 सेमी. की रेखा वास्तव में +5 सेमी. की रेखा से कितनी छोटी है।

उन्होंने अमेरिका के प्रसिद्ध गणितज्ञ जॉन टोरेन्स टेट के संख्या सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सवाल वर्तमान शिक्षा पद्धति की खामियों को उजागर करता है। खेमरिया जी का आरोप है कि बच्चों को जो गणित पढ़ाया जा रहा है, वह “फर्जी गणित” है और यह संविधान व राष्ट्रसंघ के अनुच्छेद 54 की भावना के विपरीत है।

उन्होंने केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश शासन और अमेरिकी प्रशासन से निवेदन किया है कि विद्वान गणितज्ञों से इस प्रश्न का समाधान कराकर इसे स्पष्ट किया जाए। खेमरिया जी का कहना है कि गणितज्ञों को केवल 25 प्रतिशत गणित का ही ज्ञान है, शेष 75 प्रतिशत उनसे अनजान है।

उन्होंने इस विषय पर खुली बहस और डिबेट करने की भी चुनौती दी है। साथ ही आग्रह किया है कि दोषपूर्ण गणित बच्चों को न पढ़ाया जाए।

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