हिंदू उत्सव समिति के तत्वावधान में हुआ शानदार आयोजन, महाकुंभ से लेकर बाली-रावण युद्ध तक जीवंत झलकियां
सबसे खास रही शोभापुर रोड तिग्गड़ा समिति की "महाप्रयागकुंभ" झांकी, जिसमें समुद्र मंथन से अमृत कलश प्राप्त कर देवताओं द्वारा प्रयागराज ले जाने का दृश्य दर्शाया गया। झांकी ने यह भी दर्शाया कि कैसे संगम तट पर 12 वर्ष में एक बार महाकुंभ और 6 वर्ष में अर्धकुंभ का आयोजन होता है।
इसी तरह जय माता दी समिति ने बाली-रावण युद्ध का रोचक दृश्य प्रस्तुत किया, तो वहीं चिंताहरण समिति, पालीवाल गैस समिति, एकता दुर्गा उत्सव समिति, बंजारी माई समिति, सीमेंट रोड समिति, तिलक वार्ड समिति, हथवांस तिग्गड़ा समिति, शैलपुत्री सुभाष वार्ड समिति, व्यवस्था दुर्गा समिति, टेंपो-टैक्सी संग समिति, खेड़ापति माता मठ समिति और माता मार्ग संगम समिति ने भी धार्मिक और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी झांकियां प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियां बटोरीं।
चल समारोह के दौरान शोभापुर रोड तिग्गडा ने झांकियां ओवरब्रिज से गुजरते हुए राजपूत भोजनालय पर पहुंचीं, जहां चाय-पानी से सभी का स्वागत किया गया। इसके बाद नगर पालिका पंडाल से होकर झांकियां मंगलवारा चौराहे पर प्रदर्शित की गईं और पुनः अपने-अपने पंडालों की ओर लौट गईं।
झांकियों में राष्ट्रीयता, धार्मिक आस्था और सामाजिक संदेशों का संगम देखने को मिला। दर्शक देर रात तक झांकियों का आनंद लेते रहे।
और रात 8 बजे से लेकर रातभर सुबह 5 बजे तक चलसमारोह का गिरधर मल्ल चाचा ,वल्लभ मल्ल,भतीजे दोनों माइक संचालन करते रहे ।
आखिर में हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर सोनी, सचिव धर्मेन्द्र बल्दुआ ने सभी दुर्गा समितियों का आभार व्यक्त किया ।







