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भोपाल में हस्तशिल्प प्रदर्शनी भारत की पारंपरिक कला का अनोखा संगम

भोपाल15/10/2025 (दयाराम कुशवाहा) भोपाल, 15 अक्टूबर। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हस्तशिल्प और भारतीय परंपरा की खुशबू से महकती एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। यह हस्तशिल्प प्रदर्शनी दिनांक 8 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ परिसर, ई-08 त्रिलंगा रोड, शाहपुरा, भोपाल में आयोजित की जा रही है। इस प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों और प्रदेशों से आए लगभग 50 हस्तशिल्पी अपनी पारंपरिक कला का प्रदर्शन और बिक्री कर रहे हैं। यहाँ प्रस्तुत की गई सभी वस्तुएँ स्वयं हस्तशिल्पियों द्वारा हाथ से निर्मित हैं जो भारतीय संस्कृति, कारीगरी और मेहनतकश कला का सजीव उदाहरण पेश करती हैं। देशभर की कलाओं का संगम इस प्रदर्शनी की सबसे खास बात यह है कि इसमें भारत के हर कोने की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। यहाँ प्रदर्शित हैं:- भदोही (उत्तर प्रदेश) के विश्व प्रसिद्ध कारपेट (कालीन) ,भागलपुर (बिहार) की पारंपरिक सिल्क साड़ियाँ और सूट,उज्जैन (मध्यप्रदेश) का बटिक प्रिंट,दिल्ली की आकर्षक ज्वेलरी,भोपाल की पारंपरिक जरी-जरदोजी और जूट उत्पाद,जयपुर (राजस्थान) की प्रसिद्ध मिनी प्रिंटिंग और लेदर वर्क,ग्वालियर एवं जबलपुर का पैचवर्क और स्टोन क्राफ्ट,मधुबनी (बिहार) की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग्स प्रयागराज का ड्राई फ्लावर आर्ट, हैदराबाद की कलमकारी कला,कोटा (राजस्थान) का हैंड ब्लॉक प्रिंट,चंदेरी (म.प्र.) की शाही, साड़ियाँ , बंगाल की जामदानी और तांत साड़ियाँ,महोबा (उत्तर प्रदेश) का आर्ट मेटल,पंजाब की रंग-बिरंगी फुलकारी कढ़ाई और बुधनी के प्रसिद्ध लकड़ी के खिलौने, इन सब कलाओं ने प्रदर्शनी को विविधता, रंग और परंपरा से भर दिया है। कारीगरों को सरकार से प्रोत्साहन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ लिमिटेड के जनरल मैनेजर श्री संजय कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी में भाग लेने वाले हस्तशिल्पियों के रहने, खाने और आने-जाने की संपूर्ण व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। इसके साथ ही, भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन समय-समय पर इन शिल्पियों को प्रोत्साहन राशि, प्रशिक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी प्रदान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हस्तशिल्प न केवल रोजगार का साधन है बल्कि यह भारत की आत्मा और संस्कृति का दर्पण है। सरकार का उद्देश्य है कि इन पारंपरिक कलाओं को संरक्षित किया जाए और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाए। लोकप्रियता और आकर्षण प्रदर्शनी में भोपाल और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आगंतुक पहुँच रहे हैं। महिलाएँ सिल्क साड़ियाँ, जरी उत्पाद और ज्वेलरी की ओर विशेष रूप से आकर्षित हो रही हैं, वहीं बच्चे लकड़ी के खिलौनों और रंगीन चित्रकला के प्रति उत्साहित हैं। यह आयोजन स्थानीय कलाकारों को एक मंच देने के साथ-साथ खरीदारों को सीधे निर्माताओं से जुड़ने का अवसर भी प्रदान कर रहा है। समापन यह हस्तशिल्प प्रदर्शनी न केवल व्यापारिक आयोजन है, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और रचनात्मकता का उत्सव भी है। देश के कोने-कोने से आए ये कलाकार अपनी मेहनत और हुनर के जरिए “वोकल फॉर लोकल” की भावना को साकार कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन से सीधा जुड़ा हुआ है।
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