नर्मदापुरम 24/10/2025 (छगन कुशवाहा पिपरिया) नर्मदापुरम् पिपरिया,दीपावली के बाद भाई दूज पर मटकुली में परंपराओं का अद्भुत संगम देखने मिला। हाट बाजार मैदान पर आयोजित ऐतिहासिक मढ़ई मेला इस साल फिर उमंग और श्रद्धा के रंग में रंगा नजर आया।
गुरुवार शाम आदिवासी समुदाय के सैकड़ों ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकते हुए मेले में पहुंचे। हाथों में मोर पंखों और फूलों से सजी ऊंची-ऊंची ढालें, होंठों पर लोक भजन—और बीच में कुलदेवी गांगो माई का पूजन।
पूजन के बाद पूरे मैदान में गूंज उठी ढाल नृत्य की लय। लगभग 30 ढालों ने देवी की परिक्रमा की, जो मनोकामना पूर्ण होने की आस्था का प्रतीक मानी जाती है। मटकुली में यह परंपरा दशकों से निरंतर चली आ रही है, जो अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले चुकी है।
मेले में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक उत्साह देखने लायक था। स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा और प्रकाश की आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं, वहीं ग्रामीणों ने इसे “हमारी पहचान और विरासत का पर्व” बताया।
