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विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा वैदिक गुरुकुल आश्रम में किया गया गोपाष्टमी का पूजन

 

 मंडला 29/10/2025 आज विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के द्वारा मंडला में वैदिक गुरुकुल आश्रम में गोपाष्टमी कार्यक्रम मनाया गया जिसमें गौ माता का तिलक वंदन कर गौ माता को गुड फूटा अन्य पकवान खिलाए, एवं गौ माता का तिलक वंदन कर पूजन अर्चन किया गया,

         गाय न केवल खेत और धरा को जीवन देती है, बल्कि मानव स्वास्थ्य का संरक्षण भी करती है। गाय का दूध, घी और गो-उत्पाद संपूर्ण पोषण का स्त्रोत हैं। गाय जहां रहती है वहां का वातावरण स्वतः शुद्ध और रोगमुक्त बना रहता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि गो-सेवा में मानसिक शांति का अद्भुत प्रभाव होता है। गाय के पास रहने से तनाव, चिंता और कई मानसिक असंतुलन स्वतः समाप्त होने लगते हैं। यही कारण है कि गाय हमारे लिए किसान का संबल, रोगों की औषधि और पर्यावरण की रक्षा तीनों रूपों में कल्याणकारी है।

 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व गायों की पूजा और गोसेवा को समर्पित है। सनातन परंपरा में गाय को माता का दर्जा दिया गया है, क्योंकि उसके शरीर में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास माना गया है। 2025 में गोपाष्टमी का पर्व 29 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जा रहा है। इस दिन गाय और बछड़ों की विधिवत पूजा की जाती है और गोसेवा का विशेष महत्व होता है।

गोपाष्टमी का इतिहास और पौराणिक कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में गौचारण यानी गाय चराने का कार्य आरंभ किया, उसी दिन को गोपाष्टमी कहा गया। इस दिन श्रीकृष्ण और बलराम ने नंद बाबा से अनुमति लेकर पहली बार गायों को वन में चराने के लिए ले गए थे। गाय चराने की इस लीला ने गोपालक श्रीकृष्ण के जीवन का नया अध्याय खोला और तभी से यह पर्व “गोपाष्टमी” कहलाया।

   इस प्रकार गौ माता को लेकर बहुत सारी पौराणिक कथाओं में भी उल्लेख है 

  इस कार्यक्रम में संगठन के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे,

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