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नर्मदापुरम के पचमढ़ी के पनारपानी में आदिवासी समुदाय जमीन के बदले मुआवजा नहीं मिलने पर ठिठुरती ठंड में बैठे धरना पर

भोपाल 02/12/2024 (दयाराम कुशवाहा भोपाल)  नर्मदापुरम के पचमढ़ी के पनारपानी में आदिवासी समुदाय ने जमीन के बदले मुआवजा नहीं मिलने से सोमवार से धरना शुरू कर दिया है। बतकछार गांव ग्रामीण आदिवासी पचमढ़ी से पनारपानी गांव निमघान गेट 5 किमी तक पैदल रैली निकालकर पहुंचे। आदिवासी बच्चे, युवा और बुजुर्ग महिला, पुरुष अपनी मांगों को तख्तियां पर लिखकर रैली निकालकर पहुंचे। आदिवासी अपने पुराने गांव बतकछार में जाकर धरना देना चाहते थे, लेकिन उन्हें सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक संजीव शर्मा और फॉरेस्ट टीम ने बतकछार गांव एसटीआर के कोर क्षेत्र में होने से सभी को गेट पर ही रोक दिया। इसके बाद आदिवासियों ग्रामीणों ने गेट पर ही बैठकर अपना धरना शुरू कर दिया। बोले- धोखे से हमारी जमीन छीनी गई बतकछार के ग्रामीणों का कहना है कि एसटीआर ने 12 साल पहले हमसे हमारी जमीन, घर और जन्मभूमि छीनी और हमें बाहर निकाल दिया। जमीन के बदले मुआवजा देने का वादा किया। लेकिन 12 साल बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया, अधिकारी इधर से उधर चक्कर कटवा रहे हैं। हमारी खुद की जमीन होने के बावजूद भी आज तक आदिवासी परिवार इधर-उधर किराए के मकान पर रह रहे हैं। हमें मुआवजा दिया जाए या हमें अपनी जमीनों पर वापस घर बनाने दिया जाए।युवाओं ने कहा 10 लाख रुपए देने का था वादा बतकछार की आदिवासी ग्रामीण युवती ने कहा 13 साल पहले जब गांव का विस्थापन हुआ, तब हम काफी छोटे थे। हमारे माता पिता से कहा गया था कि प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपए दिया जाएगा। हमारे माता-पिता से पेपर में हस्ताक्षर की जगह अंगूठा लगवा लिया और कहा कि आप लोगों को भी मुआवजा मिलेगा। लेकिन आज तक मुआवजा नहीं मिला। आदिवासी युवती और बुजुर्गों ने कहा हमारी कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा है। हमें अपनी खोई जमीन वापस दी जाए या हमें मुआवजा दिया जाए, नहीं तो हम रातभर बच्चों सहित जंगल पर धरने पर बैठे रहेंगे।

 

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