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-मोदी सरकार किसानों का जीवन बदलने के लिए संकल्पित है -श्री दर्शन सिंह चौधरी

 

भोपाल दिनांक 28/05/2025(दयाराम कुशवाहा भोपाल,) भोपाल,  भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी ने केंद्रीय मंत्रिंमंडल द्वारा धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा है कि किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त और खुशहाल बनाना तथा कृषि को लाभ का धंधा बनाना मोदी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और भाजपा की सरकार इसके लिए संकल्पित होकर काम कर रही है। खरीफ की जिन फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, उनमें से अधिकांश मध्यप्रदेश में भी उगाई जाती हैं और मध्यप्रदेश के किसानों को भी बढ़े हुए समर्थन मूल्य का लाभ मिलेगा। 

किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि भाजपा की सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कितनी समर्पित है, इसका अंदाज इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि जिस स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को पूर्ववर्ती सरकारों ने बरसों तक ठंडे बस्ते में डालकर रखा, उसे भाजपा की सरकार ने लागू किया। यही नहीं, बल्कि मोदी सरकार लगातार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की समीक्षा करती है, ताकि किसानों को लागत की तुलना में उनकी फसलों का लाभप्रद मूल्य दिलाया जा सके। केंद्रीय मंत्रिंमंडल द्वारा धान, कपास, सोयाबीन, अरहर समेत खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाना इसी दिशा में उठाया गया एक और कदम है। 

किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री दर्शन सिंह चौधरी ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने धान का समर्थन मूल्य 2,369 रुपए तय किया है, जो पहले की तुलना में 69 रुपए ज्यादा है। इसी तरह कपास की नई एमएसपी 7,710 रुपए तय की गई है और इसकी दूसरी किस्म की एमएसपी 8,110 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 589 रुपए ज्यादा है। ज्वार के समर्थन मूल्य में 328 रुपये, बाजरा की एमएसपी में 150 रुपये, रागी में 596 रुपये, मक्का की एमएसपी में 175 रुपये, तुअर की एमएसपी में 450 रुपये, मूंग के समर्थन मूल्य में 86 रुपये उड़द में 400 रुपये, मूंगफली में 480 रुपये, सूरजमुखी में 441 रुपये, सोयाबीन में 436 रुपये, तिल में 579, रामतिल में 820 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि नई एमएसपी स्वीकृत करते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि समर्थन मूल्य लागत से कम से कम 50 प्रतिशत ज्यादा हो। 


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