भोपाल 13/09/2025 (दयाराम कुशवाहा) भोपाल इंदौर। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आगामी 14 सितंबर 2025, रविवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में ‘परिक्रमा कृपा सार’ पुस्तक का विमोचन होगा। यह विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परमपूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी के करकमलों से किया जाएगा। इस कार्यक्रम का आयोजन नर्मदाखंड सेवा संस्थान, मगरौन जिला दमोह द्वारा किया जा रहा है।
मंत्री पटेल ने बताया कि उन्हें नर्मदा नदी से विशेष लगाव है और यह पुस्तक उनके जीवन की दो महत्वपूर्ण नर्मदा परिक्रमा यात्राओं से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहली परिक्रमा 1994 से 1996 के दौरान अपने गुरुदेव श्री श्री बाबा श्री जी की सेवा करते हुए की थी। इसके बाद दूसरी परिक्रमा 2005 में सपत्नीक और सहयोगियों के साथ पूर्ण की। इन यात्राओं के अनुभवों और भावनाओं का संग्रह ही इस पुस्तक के रूप में सामने आया है।
प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि यह पुस्तक दरअसल 30 वर्ष पूर्व प्रथम नर्मदा परिक्रमा और जबलपुर में परम पूज्य बाबा श्रीजी के चातुर्मास के दौरान लिखे गए समसामयिक लेखों का संकलन है। उन्होंने बताया कि इतने लंबे समय तक इस पुस्तक को प्रकाशित नहीं किया क्योंकि उनका मानना था कि नर्मदा को ‘बेचना’ नहीं चाहिए। लेकिन जब उनकी आयु 65 वर्ष हुई तो सहयोगियों के अनुरोध पर उन्होंने इस पुस्तक को प्रकाशन के लिए तैयार किया। मंत्री ने कहा कि हिंदी दिवस के अवसर पर इंदौर की धरती पर इस पुस्तक का विमोचन होना उनके लिए सौभाग्य और मां नर्मदा की कृपा का प्रतीक है।पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री ने राज्य में चल रहे जल संरक्षण अभियानों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू करने की बात कही थी। तब उन्होंने यह सोचा कि वे इस अभियान में अपनी क्या भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे भारत सरकार में जल शक्ति मंत्री रह चुके हैं। मध्यप्रदेश को ‘नदियों का मायका’ कहा जाता है, इसी भावना से उन्होंने रायसेन जिले के ग्राम झिरी में बेतवा नदी के उद्गम स्थल से इस अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री के साथ की। पटेल ने बताया कि अब तक वे स्वयं 106 नदियों के उद्गम स्थल तक पहुंच चुके हैं और विमोचन के अवसर पर मध्य प्रदेश की 108 नदियों के उद्गम स्थलों से संग्रहित पवित्र जल उनके पास उपलब्ध है। इसे भी इस अवसर पर मां नर्मदा को समर्पित करेंगे।
कार्यक्रम के आयोजन में नर्मदा खंड सेवा संस्थान के अध्यक्ष नरेंद्र बजाज, कोषाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता और सचिव गजेंद्र आचार्य सहित अन्य पदाधिकारियों का विशेष सहयोग रहा है। मंत्री ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से न केवल पुस्तक विमोचन होगा, बल्कि नदियों के संरक्षण और जल संवर्धन के प्रति जनजागरूकता भी बढ़ेगी। विशेष बात यह है कि यह आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब मध्य प्रदेश में पर्यावरण और जल संसाधन को लेकर राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मां नर्मदा का आशीर्वाद और गुरुजनों की प्रेरणा ही उन्हें निरंतर इस तरह के अभियानों और रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करती है।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत-महात्मा, समाजसेवी, शिक्षाविद और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियां मौजूद रहेंगी। कार्यक्रम को लेकर इंदौर में तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम में आने वाले सभी लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही है और इसे पर्यावरण-संवेदी स्वरूप में आयोजित करने की भी योजना है। पत्रकार वार्ता में मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि जल और नदियों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार और समाज मिलकर एक साझा मॉडल तैयार करें, जिससे आने वाली पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि नदियां केवल जल स्रोत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर हैं। नर्मदा परिक्रमा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देती है।
इस प्रकार 14 सितंबर को इंदौर का यह आयोजन केवल एक पुस्तक विमोचन नहीं, बल्कि नदियों और प्रकृति के प्रति आस्था, श्रद्धा और संरक्षण के संदेश का महोत्सव होगा।