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भारतीय शिक्षा प्रणाली में गणित की दोषपूर्ण शिक्षण पद्धति पर बड़ा सवाल

 

नर्मदापुरम 10/09/2025 (दयाराम कुशवाहा) नर्मदापुरम पिपरिया रामस्वरूप खेमरिया, एक रिटायर्ड शिक्षक, ने गणित की पुस्तकों में पूर्णांक के अध्याय में त्रुटियों का दावा किया है। उनका कहना है कि पूर्णांक की अवधारणा दोषपूर्ण है और इसे बदलना चाहिए। उन्होंने अपने दावे के समर्थन में कई उदाहरण दिए हैं और महान अमेरिकी गणितज्ञ जॉन टॉरेंस टेट के संख्या सिद्धांत के आधार पर अपनी बात रखी है।

उदाहरण और तर्क:

- पूर्णांक की श्रृंखला: खेमरिया जी ने पूर्णांक की श्रृंखला में त्रुटि का दावा किया है, जैसे कि 8 में 7 जोड़ने पर 15 संख्या बनती है, लेकिन 8 में से -8 जोड़ने पर कौन सी संख्या बनेगी?

- गिनती और पूर्णांक का प्रथम अंक: उन्होंने गिनती और पूर्णांक के प्रथम अंक के बारे में भी सवाल उठाया है, जैसे कि गिनती का प्रथम अंक 1 है, लेकिन पूर्णांक का प्रथम अंक कौन सा है?

- अंक और शून्य: खेमरिया जी ने शून्य में अंक की अवधारणा पर भी सवाल उठाया है, जैसे कि शून्य में अंक ही नहीं है, फिर गणितज्ञों ने कैसे अंक मान लिया?

आग्रह और चुनौती:

- महामहिम राष्ट्रपति और केंद्र सरकार: खेमरिया जी ने महामहिम राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और गणित की पुस्तकों में सुधार करें।

- डिबेट और चर्चा: उन्होंने गणितज्ञों के साथ डिबेट और चर्चा करने की चुनौती दी है, जिसमें वे अपनी बात रखेंगे और साबित करेंगे कि पूर्णांक की अवधारणा दोषपूर्ण है।

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